"नामकरण"





दोस्तों आज मैं लेकर आयी हूं अपनी दूसरी रचना जो की एक बड़ी ही साधारण और पवित्र सी प्रेम कहानी है। इसका शीर्षक है-
 
एक प्रेम कहानी का ऐसा अनोखा शीर्षक ये आप कहानी पढ़ कर जान जाएंगे ।
गली में एक तरफ जलेबी वाले बिहारी गर्मागर्म जलेबियां तल रहे थे,
दूसरी तरफ सायकिल की दुकान पर छोटू सायकिल में हवा भर रहा था, चाय की दुकान पर रामू काका चाय ग्लास में भर ग्राहकों को दे रहे थे। खूब चहल पहल थी।
 

ठीक उसी समय आसमानी रंग का लिबास पहने, माथे पे छोटी सी बिंदी,आंखों में सूरमा,होठों पर हल्की सी लाली, गालों को चूमती हुई बालियां और खुले हुए काले बालों के साथ राधा जब गली से गुजरी,



तो उसकी नज़र चाय की टपरी पे बैठे नीली आंखों वाले लड़के पर पड़ी।

दोनों की निगाहें जब एक दूसरे से टकराई तो मानों पूरा कोलाहल शांत हो गया।
लगा जैसे वहां उन दोनों के अलावा और कोई नहीं था।
आंखों ही आंखों में सारी बातें हो गई।
पीछे रेडियो पे धुन बजती है...
"लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो 
शायदफिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो।"
गाने से उनका ध्यान भंग हो जाता है,
और ध्यान जाता है गाने की दूसरी लाइन पर,
'शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो ना हो'
वो भी अपनी इस पहली मुलाकात को आखिरी नहीं बनाना चाहते थे।
राधा ने मुस्कुरा कर उसे पास आने की अनुमति दी,
और दोनों साथ साथ उस गली से बाहर एक छोटी सी पुलिया पर आ गए।
राधा थोड़ी चंचल स्वभाव थी इसलिए खुद ही बताना शुरू कर दिया- मेरा नाम राधा है, मेरे घर में मां पिता जी और दो छोटे शैतान भाई बहन है।
तुम बताओ...
इतना सुनते ही लड़का थोड़ा मायूस होकर कहता है
क्या बताऊं मुझे तो ये भी नहीं याद की मेरे माता- पिता
कौन थे..जब से होश संभाला है बस एक कहानी सुनने को मिलती आई है कि वो किसी हादसे का शिकार हो गए और मुझे अनाथालय के पुजारी जी अपने साथ ले आए..और मुझे तो ये भी नहीं याद की किसी ने मुझे नाम से बुलाया हो बस सब "नीली आंखों वाला" ही कहकर बुलाते है क्योंकि आमतौर आंखों का रंग ऐसा नहीं होता।
इतना सुनते ही राधा झट से बोल पड़ती है कि तो क्या हुआ अब होगा तुम्हारा "नामकरण" तुम्हारी ज़िन्दगी में अब मैं जो आ गई हूं...
तो देखो मेरा नाम राधा है तो इस हिसाब से तुम हुए "राधा के कृष्ण" ... तो आज से तुम्हारा नाम कृष्णा है।
और बस इस नामकरण की रस्म के साथ उनके अटूट और पवित्र रिश्ते की शुरुआत होती है।
अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें।
धन्यवाद्


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